Bedtime Yoga For Beginners Yogasana || Yoga poses for bedtime Yoga For Beginners || Yogasana

Bedtime Yoga For Beginners Yogasana


अच्छी नींद के लिए आसन





दिन भर की थकान और चिंता से मुक्त होने के लिए यह आसन बहुत फायदेमंद है।
इन आसनो को सोने जाने से पहले या सोते समय करने से गहरी और आनंदमय नींद मिलती हैं।
Yogasana for deep sleep and healthy mind.
Bedtime yoga | Best Yoga Poses.





1. पद्मासन |Padmasana

Padmasana पद्मासन लगाकर बैठने से हमारा शरीर संतुलित होता है।

पद्मासन एक एसा आसन है जीसके द्वारा हमारा मन नियंत्रित कर सकते हैं और हमारे मन को शांत करने में पद्मासन बहुत उत्तम आसन है।


पद्मासन/Padmasana
पद्मासन करने के लिए दोनों पैरों को सीधा करके बैठ जाएं ।

अपने पैरों को सामने की तरफ सीधा करें और अपने दाएं पैर को उठाकर बाएं पैर की जंघा पर रखें ।


और फिर बाएं पैर को उठाकर दाएं पैर की जंघा पर रखें ।


अपने दोनों हाथों को ज्ञान मुद्रा में रखकर दोनों घुटनों पर रखें और अपनी आंखें बंद करके अपने मन को आज्ञा चक्र विशुद्धि चक्र हृदय चक्र या अपनी सांसों पर टिकाने का प्रयास करें।


यह आसन प्रतिदिन सोने से पहले कम से कम 2 से 3 मिनट तक जरूर करना चाहिए ।


यह हमारे मन को शांत करके हमें अच्छी नींद दिलाने में सहायता करेगा और हमारे शरीर के सभी अंगों को सही करेगा ।


यह आसन ध्यान लगाने के लिए बहुत ही उपयोगी माना गया है इस आसन के साथ ध्यान लगाने से बहुत ही जल्दी ध्यान सिद्ध हो जाता है और मन शांत हो जाता है।


2. जानुशिरासन / Janushirasana


Janushirasana।जानुशिरासन । योगआसन । Yoga Asana


जानुशिरासन करने से हमारे संपूर्ण शरीर की मांस पेशियों  को आराम मिलता है।

 क्योंकि यह आसन हमारे सिर से लेकर पीठ , कमर , जांघों और पिंडलियों, घुटने पैर हाथ और हाथों की कहानियां आदि सभी जोड़ तथा सभी मांस पेशियों को स्ट्रेचिंग करते हुए उनको तरोताजा करता है।


उनके तनाव को दूर करता है।

 और उन्हें किसी भी प्रकार की प्रॉब्लम हो उसे दूर करता है।
यह आसन गहरी नींद के लिए बहुत ही आवश्यक है । क्योंकि इस आसन को करने से हमारे शरीर की संपूर्ण अकड़न हम दूर हो जाती है ।

दिनभर की थकान दूर हो जाती है जिससे हमें गहरी नींद आती है ।

यह आसन करने से हमारे संपूर्ण शरीर में ऑक्सीजन और ब्लड सरकुलेशन का बहुत ही स्पष्ट हो जाता है।
 जिससे हमारे मस्तिष्क को प्योर ऑक्सीजन मिलती हैं ।
जिससे मस्तिष्क में गुड केमिकल्स उत्पन्न होते हैं और हमें गहरी नींद प्राप्त होती है।

जानूशिरासन करने से हमारे मस्तिष्क में उपस्थित एड्रिनल ग्रंथि या मास्टर ग्रंथि होती हैं ।

जिससे ह्यूमन ग्रोथ हॉरमोन उत्सर्जित होता है यह हार्मोन हमारे शरीर के विकास के लिए या यूं कहें कि हमारी लंबाई बढ़ाने के लिए हमारी हड्डियों को और हमारे मसल्स को विकसित करने के लिए बहुत ही उपयोगी होता है।

यह आसन करने के लिए सर्वप्रथम अपने दोनों पैरों को सामने की ओर सीधा करके बैठ जाएं ।


और फिर अपने दाएं पैर को सीधा रखते हुए अपने बाएं पैर को मोड़ते हुए दाएं पैर की जंघा  के पास में सटा कर बाएं पैर के तलवे को दाएं पैर की  जंघा के साथ लगाते हैैं।




अब अपने दोनों हाथों को सीधा ऊपर उठाते हुए नासिका से श्वास अंदर ले और जब स्वास पूरी तरह से फेफड़ों में भर जाए तब कमर को झुकाते हुए अपने सिर को दाऐं घुटने से लगाने का प्रयास करें ।
अपने दोनों हाथों से दाएं पैर  के पंजे को और अपने सिर को दाएं घुटने से लगाने का प्रयास करें और इस स्थिति में कम से कम 15 से 30 सेकंड रुकना चाहिए ।


 इस आसन को पैर बदल कर भी करना चाहिए।

 दूसरे पैर से करने पर भी इसी प्रक्रिया को दोहराना होता है।

और धीरे-धीरे इस समय को बढ़ाकर 1 से 2 मिनट तक करना चाहिए।


 यह आसन शुरुआत में करने से बहुत कठिन लगता है।


 लेकिन धीरे धीरे जब अभ्यास करते जाते हैं तो यह आसन बहुत ही आसानी से कर सकते हैं। इस आसन को जानू सिर आसन कहते हैं।


                जानू सिर आसन का अर्थ है जानू अर्थात जंगा और सिर का अर्थ है हमारा सिर ।


अतः इस आसन में अपने सिर को अपनी जांघों से लगाया जाता है।


3. पश्चिमोंत्तानासन/ Pashchimottanasan

इस आसन को करने से हमारे संपूर्ण शरीर की क्रिया संतुलित हो जाती है।
इस आसन को करना जानू सिर आसन के समान ही है ।


पश्चिमोतानासन । Pashchimottanasan | Yoga Asana
पश्चिमोत्तानासन


उसमें एक एक पैर से किया जाता है, लेकिन इस आसन में दोनों पैरों को एक साथ मिलाकर अपने हाथों को ऊपर उठाते हुए अपने पैरों के पंजों को पकड़ते हैं।

श्वास निकालते हुए नीचे अपने घुटने से सिर को लगाते हैं, और कुछ समय तक इसी स्थिति में बने रहते हैं यह आसन भी हमारी लंबाई बढ़ाने और हमारे शरीर में रक्त परिसंचरण को शुद्ध करने में बहुत ही उपयोगी होता है।


4. हस्तपादान्गुष्ठासन / Hasta padangushthasana

चित लेटकर दोनों नासिका से पूरक करके अर्थात श्वास लेते हुए बाएं हाथ को कमर के निकट लगाए रखें।


हस्तपादान्गुष्ठासन । Hasta padangushthasana


 दूसरे दाहिने हाथ से दाहिने पैर के अंगूठे को पकड़े और समूचे शरीर को जमीन पर सटाए रखें।अर्थात सीधा रखें।

 फिर दाहिना हाथ और पैर ऊपर की ओर उठाकर तना हुआ रखें।

 इसी प्रकार दाहिने हाथ को दाहिनी ओर कमर से लगाकर बाएं हाथ से बाएं पैर के अंगूठे को पकड़कर पूर्ववत करना चाहिए।

 फिर दोनों हाथों से दोनों पैरों के अंगूठे पकड़कर उपयुक्त विधि से दोहराना चाहिए।



हस्तपादान्गुष्ठासन । Hasta padangushthasana


 हस्तपादान्गुष्ठासन  करने से सब प्रकार के पेट के रोग दूर हो जाते हैं और हाथ पैरों का रक्त संचार सुधर जाता है।

और हाथ पैरों की मांस पेशियों में बल की वृद्धि होती है।

 इसके साथ साथ इस आसन को करने से शरीर में आराम मिलता है जिसे नींद अच्छी आती है।

5. पवनमुक्तासन / Air free Pose 
पवन मुक्तासन । Air free Asana . Yoga Asana



चित लेट कर पहले एक पैर को सीधा फैलाकर दूसरे पैर के घुटने से मोड़कर पेट पर लगाकर दोनों हाथों से अच्छी प्रकार दबाए ।
फिर इस पैर को सीधा करके दूसरे पांव से भी पेट को खूब इसी प्रकार दबाएं ।

इसके पश्चात दोनों पैरों को इसी प्रकार दोनों हाथों से पेट पर लगाकर दबावे।


 पूरक करके कुंभक के साथ करने में अधिक लाभ होता है।


वायु को बाहर निकालने में तथा सोच शुद्धि में विशेष रूप से सहायक होता है बिस्तर पर लेट कर भी किया जा सकता है।


 देर तक कई मिनट तक करते रहने से वास्तविक लाभ की प्राप्ति होती है।


 या कम से कम 4 से 5 मिनट जरूर करना चाहिए।


6. हलासन / Halasana

हलासन 
हलासन । Halasana | Yoga Asana

करने के लिए सीधे लेट जाएं और श्वांस लेते हुए अपने दोनों पैरों को धीरे-धीरे ऊपर उठाएं 

और फिर अपनी कमर और पीठ को भी ऊपर उठाते हुए अपने पैरों को सिर के पीछे ले जाएं ।


और अपने पंजों को जमीन से लगाएं इस स्थिति में कम से कम आधा मिनट या 2 मिनट तक रुके।


यह सन 10 से 15 मिनट करने से पेट की चर्बी कम होती हैं।


 और पेट पीठ और कमर में मजबूती आती है।

 और कमर के दर्द में भी राहत मिलती है।

 हलासन करने से कोष्धठबध्धता दूर होती हैं ।


हमारी जठराग्नि में वृद्धि होती है।


 आंतों का बलवान होना इस आसन का महत्व पूर्ण लाभ होता है।


 और अजीर्ण प्लीहा यकृत तथा अन्य सभी प्रकार के रोगों की निवृत्ति होती है और क्षुधा में वृद्धि होती है।


7. शवासन / Sleep Asana

शरीर के सभी अंगों को ढीला कर के अर्थात्   शिथिल कर के मुर्दे केे समान लैट जाना है।

अपने मन को या अपने ध्यान को शरीर के एक-एक अंग पर ले जाकर यह भावना करें कि वह अंग बिल्कुल शांत हो रहा है।


 उसमें किसी प्रकार का दर्द नहीं है।

 वह बिल्कुल निरोग हो रहा है।
और शिथिल हो रहा है।

 इस प्रकार सभी अंगों को शिथिल करते जाएं पैर के अंगुठे से शुरू करते हुए अपने सिर तक सभी अंगों को शिथिल करें ।


यह आसन सब आसनों के कर लेने के पश्चात थकान को दूर करने के लिए और अपने चित्त को विश्राम देने के लिए किया जाता है।

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