Surya Namashkar|सूर्य नमस्कार
सूर्य नमस्कार |
सूर्य नमस्कार :-- सूर्य नमस्कार एक शारीरिक प्रक्रिया है।
सूर्य नमस्कार प्रक्रिया में 12 योग आसनों को शामिल किया जाता है।
शरीर को दीर्घायु बनाने के लिए और अपने स्वास्थ्य को निरोग बनाए रखने के लिए सूर्य नमस्कार बहुत ही उत्तम प्रक्रिया है।
सूर्य नमस्कार करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और मन में पवित्रता आती है, शरीर स्पूर्ति और तेजस्विता से पूर्ण हो जाता है।
सूर्य नमस्कार प्रतिदिन प्रातः काल सूर्य उदय से पहले या सूर्य उदय होते समय कम से कम 10 बार करना चाहिए।
कुश्ती करने वाले पहलवान तथा बॉडीबिल्डिंग और जिम जाने वाले व्यक्तियों को कठिन व्यायाम करने से पहले 20 minute सूर्य नमस्कार करना चाहिए ।
जिससे हमारा शरीर पूरी तरह से गर्म हो जाता है अर्थात वॉर्मअप हो जाता है।
जिससे कसरत अर्थात कठिन व्यायाम करने पर होने वाले शारीरिक चोटों और परेशानियों से बचाव रहता है।
किसी भी प्रकार के कठिन व्यायाम करने से पूर्व शरीर को गर्म करना बहुत ही आवश्यक होता है अगर शरीर के वार्म होने से पहले कठिन व्यायाम किए जाते हैं तो शरीर में इंजरी होने का खतरा रहता है।
और हमारे मसल्स को बहुत ही नुकसान हो सकता है इसलिए इन सभी परेशानियों से बचने का एकमात्र उपाय है कि सूर्य नमस्कार की प्रक्रिया के द्वारा अपने शरीर को गर्म किया जाए ।
शरीर को गर्म करने का एक महत्वपूर्ण लाभ यह है कि जब हम अपने biceps and triceps, chest, shoulder, back, आदि किसी भी प्रकार के कठिन व्यायाम करते हैं ।
तब अगर हम 20 मिनिट तक वार्म अप करते हैं, तो हमारे मसल्स को पंप होने में आसानी रहती है।
सूर्य नमस्कार के 12 आसनों के नाम :-
1. नमस्कार आसन
2. ऊर्ध्व नमस्कार आसन
3. हस्त पादासन
4. एक पाद प्रसारण आसन
5. द्विपद प्रसारण आसन
6. भूधरासना
7. अष्टांग प्रणिपातासन
8. सर्पासन
9. भूधरासन
10. द्विपाद प्रसरणासन
11. एकपाद प्रसरणासन
12. हस्त पादासन
13. उर्ध्व नमस्कार आसन
14. नमस्कार आसन
इन 12 आसनों को क्रमशः चक्रीय प्रक्रिया के अनुसार दोहराया जाता है । और प्रतिदिन 10 से 15 बार यह प्रक्रिया दोहराएं।
सूर्य नमस्कार के 12 आसनों के चित्र :-
1. नमस्कार आसन ◆ 【14】
महर्षि पतंजलि ने अपने प्रसिद्ध योग सूत्र ग्रंथ में इस प्रक्रिया का वर्णन किया है, इस ग्रंथ में 12 आसनों की श्रृंखला को शामिल किया जाता है।
इन 12 आसनों के द्वारा शरीर का पूर्णतया व्यायाम हो जाता है, और प्रतिदिन सूर्य नमस्कार करने से शरीर में शक्ति आती है, शरीर पूर्णतया निरोग रहता है, और शरीर की अनेक बीमारियां दूर हो जाती है
क्योंकि, सूर्य नमस्कार या किसी भी अन्य प्रक्रिया के द्वारा शरीर को वॉर्मअप करने से हमारे मसल्स एक्टिव हो जाते हैं और जब हम कठिन व्यायाम करते हैं तो उसका सीधा प्रभाव हमारे मसल्स पर पड़ता है जिससे कम समय में हमारे मसल्स अच्छे तरीके से विकसित होते हैं।
नमस्कार आसन |
उर्ध्व नमस्कार आसन |
3.हस्त पादासन ◆ 【12】
हस्त पादासन |
4. एक पाद प्रसरणासन ◆ 【11】
एकपादप्रसरणासन |
द्विपादप्रसरणासन |
भूधरासन |
अष्टांग प्रणिपातासन |
8. सर्पासन
सर्पासन |
सूर्य नमस्कार के लाभ
सूर्य नमस्कार करने से शरीर का मोटापा कम हो जाता है।
सूर्य नमस्कार करने से शरीर और मन मजबूत होता है।
जिससे किसी भी कार्य को करने के लिए शक्ति मिलती है और निर्णय लेने में आसानी होती हैं।
सूर्य नमस्कार एक ऐसी प्रक्रिया है जिसको करने से शरीर का संपूर्ण व्यायाम हो जाता है और कोई व्यायाम से जुड़ी क्रियाएं करने की आवश्यकता नहीं होती।
सूर्य नमस्कार संपूर्ण शरीर को शक्ति प्रदान करता है।
प्रातः काल सुर्य नमस्कार करने से चेहरे की कांति में बढ़ोतरी होती है और पूरा दिन मन शांत रहता है और आलस्य समाप्त हो जाता है।
सूर्य नमस्कार करने से शरीर के सभी जोड़ों स्वस्थ हो जाते हैं और कमर पीठ घुटने कोहनी आदि सभी जोड़ों के दर्द समाप्त होकर शरीर स्वस्थ हो जाता है।
जिनको हाई बीपी और हार्ट की प्रॉब्लम हो या जोड़ों में अकड़न तथा अधिक दर्द हो उन्हें सूर्य नमस्कार धीरे धीरे करना चाहिए जिससे किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी।
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